हिसाब बराबर मूवी रिव्यू: क्या ये फिल्म वाकई में 'बराबर' है?
कहानी की बात करें तो फिल्म की पटकथा कुछ नयापन लिए हुए है। हालांकि, कहानी थोड़ी धीमी गति से आगे बढ़ती है, जो कुछ दर्शकों को उबाऊ लग सकती है। फिल्म के कुछ दृश्य बेहद प्रभावशाली हैं, जबकि कुछ जगहों पर कहानी कमज़ोर पड़ती नज़र आती है।
अभिनय की दृष्टि से देखें तो फिल्म के कलाकारों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। मुख्य कलाकारों की केमिस्ट्री अच्छी है और उन्होंने अपने किरदारों को जीवंत बनाया है। सहायक कलाकारों का योगदान भी सराहनीय है।
फिल्म का संगीत अच्छा है, लेकिन कुछ गाने ज़्यादा प्रभावित नहीं करते। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर कहानी के माहौल को बनाने में मदद करता है।
फिल्म का निर्देशन ठीक-ठाक है। कुछ जगहों पर निर्देशक कहानी को और बेहतर तरीके से पेश कर सकते थे। फिल्म का छायांकन और संपादन भी अच्छा है।
कुल मिलाकर, "हिसाब बराबर" एक औसत फिल्म है। यदि आप कुछ नया और अलग देखना चाहते हैं तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं। हालांकि, उम्मीदें बहुत ज़्यादा न रखें। फिल्म में कुछ कमियाँ हैं जो इसे एक बेहतरीन फिल्म बनने से रोकती हैं। फिल्म का अंत थोड़ा निराशाजनक हो सकता है। लेकिन फिर भी, फिल्म देखने लायक है और आपको कुछ नया सोचने पर मजबूर कर सकती है। फिल्म की कहानी समाज के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को छूती है, जो इसे देखने का एक और कारण बनाता है। यह फिल्म एक बार देखने लायक है और आप अपने परिवार के साथ भी इसे देख सकते हैं।