मौसम विभाग, अपनी भविष्यवाणियों के लिए विभिन्न वैज्ञानिक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करता है। सुपर कंप्यूटर, मौसम उपग्रह, राडार, और मौसम केंद्रों से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण करके, मौसम वैज्ञानिक भविष्यवाणियां तैयार करते हैं। ये आंकड़े, तापमान, वायुदाब, आर्द्रता, और हवा की गति और दिशा जैसे विभिन्न मापदंडों को दर्शाते हैं।

हालांकि, मौसम एक जटिल प्रणाली है और इसमें कई कारक शामिल होते हैं जो भविष्यवाणी को प्रभावित कर सकते हैं। स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियां, जैसे पहाड़, नदियाँ, और समुद्र, मौसम के पैटर्न को बदल सकते हैं। इसी तरह, जलवायु परिवर्तन भी मौसम की अप्रत्याशितता को बढ़ा रहा है।

मौसम विभाग की भविष्यवाणियों की सटीकता, भविष्यवाणी की अवधि पर भी निर्भर करती है। अल्पकालिक भविष्यवाणियां, जो कुछ घंटों या एक-दो दिनों के लिए होती हैं, आमतौर पर अधिक सटीक होती हैं। दीर्घकालिक भविष्यवाणियों में अनिश्चितता की संभावना बढ़ जाती है।

कई बार, लोग मौसम विभाग की भविष्यवाणियों में गलतियां पाते हैं और उसकी आलोचना करते हैं। लेकिन यह समझना जरूरी है कि मौसम की भविष्यवाणी एक सतत प्रक्रिया है और इसमें सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है। मौसम विज्ञान एक विकसित होता हुआ विज्ञान है और नई तकनीकों और अनुसंधान के साथ, भविष्यवाणियों की सटीकता में लगातार सुधार हो रहा है।

मौसम विभाग की भविष्यवाणियों का उपयोग, कृषि, परिवहन, पर्यटन, और आपदा प्रबंधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। किसान, फसलों की बुवाई और कटाई के लिए मौसम की जानकारी का उपयोग करते हैं। वायुयान और जहाज, सुरक्षित यात्रा के लिए मौसम के पूर्वानुमान पर निर्भर करते हैं। पर्यटक, अपनी यात्रा की योजना बनाने के लिए मौसम की जानकारी का उपयोग करते हैं। और आपदा प्रबंधन एजेंसियां, बाढ़, सूखा, और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए मौसम की भविष्यवाणियों का उपयोग करती हैं।

संक्षेप में, मौसम विभाग की तापमान और बारिश की भविष्यवाणियां, हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि ये भविष्यवाणियां हमेशा पूरी तरह सटीक नहीं होतीं, लेकिन ये हमें मौसम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं जो हमें अपने दैनिक जीवन और विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाने में मदद करती हैं।