स्टीवनज, इंग्लैंड में जन्मे हैमिल्टन ने कम उम्र में ही कार्टिंग में अपनी रुचि दिखाई। उनके पिता, एंथनी हैमिल्टन, ने उनके जुनून को पहचाना और उन्हें हर संभव मदद प्रदान की। हैमिल्टन ने जल्द ही कार्टिंग में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और कई खिताब अपने नाम किए।

2007 में, मैकलारेन टीम के साथ फॉर्मूला वन में पदार्पण करते हुए, हैमिल्टन ने सबको चौंका दिया। अपने पहले ही सीज़न में उन्होंने कई रेस जीतीं और वर्ल्ड चैंपियनशिप में दूसरे स्थान पर रहे। अगले वर्ष, 2008 में, उन्होंने इतिहास रच दिया और फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले सबसे कम उम्र के ड्राइवर बने।

इसके बाद, हैमिल्टन ने 2014, 2015, 2017, 2018, 2019 और 2020 में भी वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। उन्होंने माइकल शूमाकर के सात वर्ल्ड चैंपियनशिप के रिकॉर्ड की बराबरी की और फॉर्मूला वन इतिहास में सबसे सफल ड्राइवरों में से एक बन गए।

हैमिल्टन सिर्फ़ एक रेसर नहीं, बल्कि एक प्रेरणा हैं। उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति से दुनिया को दिखाया है कि कुछ भी असंभव नहीं है। वे नस्लवाद और सामाजिक अन्याय के खिलाफ भी आवाज उठाते रहे हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत हैं।

रेसिंग ट्रैक पर उनकी अद्भुत रफ़्तार और ट्रैक के बाहर उनकी विनम्रता और सामाजिक सक्रियता ने उन्हें लाखों लोगों का प्रिय बना दिया है। लुईस हैमिल्टन, एक रेसिंग लीजेंड, एक प्रेरणा, और एक ऐसा नाम जो हमेशा फॉर्मूला वन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा रहेगा।